पडोसन के फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते ही मन मयूरा नाच उठा।
फौरन इनबॉक्स में सलाम ठोक दिए।
तुरन्ते जवाब भी आ गया।
रोज गुफ्तगू होने लगीं।
क्या बनाया,क्या खाया?
कौन सी ड्रेस में अच्छी लगती हूँ
वगेरह....वगेरह
अक्सर ताड़ने के मौके ढूंढे जाने लगे..
एक दिन अचानक एक फंक्शन में मुलाकात हो गई।
हिम्मत जुटाकर उनके करीब जाकर कह ही दिया..
"भाभी जी,फेसबुक पर तो आपका बड़ा रुतबा है।एक-एक पोस्ट पर सेकड़ो लाइक्स,कमेंट्स,शेयर ,क्या कहने.....क्या कहने"
"वो बोलीं....अरे कहाँ,वक्त ही नही मिल पाता।
मेरी आई डी तो आपके भाई साहब चलाते है"
छन से जो टूटा सपना
😳😳😳😳😳😳😂😂😂😂😝जग सूना सूना लागे
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